सिंगरौली

प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम न होने का ये है कारण और समाधान…?

प्रधानमंत्री आवास योजना : प्रधानमंत्री आवास योजनाका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब और बेघर परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान कर उन्हें पक्के घर उपलब्ध कराना है. इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया तय किए गए हैं. हाल ही में सरकार ने यह घोषणा की है कि इस योजना के तहत प्राप्त आवेदनों की सत्यता की पुष्टि सर्वेक्षण के माध्यम से की जाएगी. अगर सर्वेक्षण में यह पाया गया कि कोई व्यक्ति पात्र नहीं है, तो उसका आवेदन तुरंत खारिज कर दिया जाएगा. ऐसे मामलों में पात्रता न होने का सबसे बड़ा कारण जानकारी की कमी होती है, क्योंकि कई लोग बिना पात्रता की जानकारी के इस योजना में आवेदन कर देते हैं.

इस योजना के तहत पात्र व्यक्ति को सरकार से 2.5 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता मिलती है. लेकिन पात्रता की जानकारी न होने पर कई लोगों के आवेदन अस्वीकार कर दिए जाते हैं. इसलिए ग्राम पंचायत स्तर पर पात्रता और अपात्रता से संबंधित जानकारी को दीवारों पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने का फैसला लिया गया है, ताकि लोग इसके बारे में जागरूक हो सकें.

अपात्रता के 10 प्रमुख कारण

1. परिवार जिनके पास थ्री व्हीलर या फोर व्हीलर है.
2. जिनके पास कृषि यंत्र (थ्री व्हीलर या फोर व्हीलर) हैं.
3. जिनके पास 50,000 रुपये से अधिक का किसान क्रेडिट कार्ड है.
4. परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी कर्मचारी हो.
5. परिवार का कोई सदस्य 15,000 रुपये से अधिक आय प्राप्त करता हो.
6. परिवार का कोई सदस्य भारत सरकार में अकृषित उद्योग का पंजीकृत मालिक हो.
7. जो परिवार आयकर का भुगतान करता हो.
8. जो परिवार व्यावसायिक कर का भुगतान करता हो.
9. जिनके पास 2.5 एकड़ से अधिक सिंचित भूमि हो.
10. जिनके पास 5 एकड़ या उससे अधिक असिंचित भूमि हो.

एलिजिबिलिटी के 5 बड़े कारण

1. परिवार जिनके पास घर ना हो.
2. असहाय, भिखारी परिवार.
3. मैला धोने वाले परिवार.
4. आदिम जनजाति समूह.
5. वैधानिक रूप से मुक्त बंधुआ मजदूर.

इसके अलावा, अन्य पात्रता मानदंडों में एक कमरे का कच्चा मकान होना, परिवार में 16 से 59 वर्ष के बीच का कोई वयस्क सदस्य न होना, महिला मुखिया वाले घर में 16 से 59 साल के बीच कोई वयस्क सदस्य का न होना, परिवार में कोई दिव्यांग सदस्य हो और कोई अन्य वयस्क न हो, अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवार जिनमें 25 वर्ष से अधिक उम्र का कोई पढ़ा-लिखा सदस्य न हो, और भूमिहीन परिवार जिनकी मुख्य आय का स्रोत मजदूरी शामिल हैं.

सर्वेक्षण में कड़ी जांच होगी

इस योजना के तहत प्राप्त आवेदनों की जांच ग्राम पंचायत, विकास खंड और जिला स्तर पर की जाएगी. आवास मांग से संबंधित आवेदनों की जांच के बाद उसका विवरण रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा. इस प्रक्रिया में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से सर्वेक्षण किया जाएगा ताकि बाद में क्रॉस वेरिफिकेशन किया जा सके. यदि किसी आवेदक को अपात्र पाया गया तो उसका आवेदन अस्वीकार कर दिया जाएगा. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) से लाभ प्राप्त करने के लिए पात्रता की पूरी जानकारी रखना जरूरी है. योग्य आवेदकों को इस योजना का पूरा लाभ मिलेगा, जबकि अपात्र लोगों को आवेदन सीधा खारिज हो जाएगा.

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